काम्पटी , महाराष्ट्र के डॉ राजेंद्र चौधरी ने 2 साल पहले अपने हॉस्पिटल पर ‘ On Grid Solar Power Plant ’ लगवाया था जैसा की हम सभी को पता है की कोयला , गैस , पेट्रोलियम जैसे खनिज पदार्थ ख़त्म होने वाले संसाधन है। इनको बनने में हजारो करोड़ो साल लगते है , इनका हम सभी को सोच समझ कर इस्तमाल करना चाहिए। लेकिन हम कभी न ख़त्म होने वाली सोर ऊर्जा को जितना चाहे उतना इस्तेमाल कर सकते है। इसे इस्तेमाल करने के लिए हमें सोचना नहीं पड़ता। और सोर ऊर्जा से ना हमें नुकसान और न ही पर्यावरण को नुकसान है। मैं सभी लोगो को राये देना चाहता हूँ की वे सोर ऊर्जा और पवन ऊर्जा से बिजली बना कर इस्तेमाल करे और अपने पर्यावरण को बचाने में थोड़ा योगदान दे।
हमारी इस सलाह को मानते हुए काम्पटी के बहुत बड़े डॉक्टर , डॉ राजेंद्र चौधरी ने अपने हॉस्पिटल पर 25kWp का सोलर पावर प्लांट लगाने का फैसला लिया। आज उनका पूरा हॉस्पिटल और घर, सोलर पावर प्लांट से बनने वाली बिजली से चलता है , उन्हें MSEB से बिजली नहीं लेनी पड़ती।
First Lights से बात करते वक्त डॉ राजेंद्र चौधरी ने बताया ” उनका बहुत पहले से सोलर पावर प्लांट लगाने का विचार था लेकिन सही कम्पनी और सारे डाउट क्लियर करे ऐसा कोई मिल नहीं रहा था , इसलिए सोलर लगाने में थोड़ा पीछे हट रहे थे। लेकिन जब GOYAL SOLAR के मैनेजर चेतन गोयल उनसे मिलने आये और उन्होंने सोलर के बारे में बताया की कैसे सोलर काम करता है, उसे सही से एक्सप्लेन किया।
उन्होंने बताया की ” वे हॉस्पिटल में SOLAR ON GRID प्लांट लगा सकते है, ये ग्रिड यानि MSEB से कनेक्टेड सिस्टम होता है , इसमें इम्पोर्ट एक्सपोर्ट के लिए नेट मीटर लगाया जाता है ” । इसके साथ उन्होंने बहुत आसान भासा मैं समझाया की ” सोलर पावर प्लांट काम कैसे करता है , जैसे मानते है की कोई 10 kWp का सोलर पावर प्लांट लगता है तो 10kWp का प्लांट एक दिन में 40 यूनिट का प्रोडक्शन करता है तो मानते है की एक महीने में उसने 40*30=1200 unit का जनरेशन किया और हमने 1500 यूनिट की खपत हुए है , तो हमें सिर्फ 1500-1200 =300 UNIT का बिजली का बिल भरना पड़ेगा। और अगर हमारा सिर्फ 1000 यूनिट की खपत हुए है तो 1200-1000= 200 यूनिट जो बच गए वो MSEB में जमा हो जायेंगे। जिसे हम अगले महीने में उपयोग में ला सकते है। और हमारा बिजली का बिल लगभग जीरो ( FIXED CHARGES भरना पड़ता है ) आएगा। मतलब की अगर आपकी खपत काम है और सोलर ज्यादा यूनिट बना रहा है तो बचे हुए यूनिट ग्रिड में जमा हो जाते है तथा आपका बिल जीरो आएगा और अगर आपकी खपत ज्यादा है और सोलर से बिजली काम बन रही है तो जितना अपने ज्यादा खपत की है सिर्फ उसका ही बिल आपको भरना पड़ेगा ।
ये सब यूनिट की खपत और उत्पादन नेट मीटर के जरिये पूरा ब्यौरा आप देख सकते है।
डॉ राजेंद्र चौधरी आगे कहते है की ” चेतन गोयल ( MANAGER GOYAL SOLAR ) के द्वारा उनके सोलर के सरे डाउट क्लियर हो गए और उन्होंने अपने हॉस्पिटल में 25 kWp का सोलर पावर प्लांट लगाने का प्रोजेक्ट GOYAL SOLAR को दे दिया।
जब उनसे प्लांट की गुणवत्ता और उसमे लगाए गए उपकरणों के बारे में पूछा गया तो वे कहते है की ” GOYAL SOLAR द्वारा लगाए गए हर उपकरण और हर मटेरियल काफी उच्च्या क्वालिटी के है , उनके प्लांट में किसी भी मटेरियल को लेके समझौता नहीं किया गया। SOLAR_ENERGY #RENEWABLE_ENERGY
कैसे हुआ बिजली का बिल जीरो
जब First Lights ने सोलर से होने वाले फायदे की बात डॉ राजेंद्र चौधरी से पूछा तो उन्होंने बताया की ” सोलर पावर प्लांट लगाने से पहले उनका हर महीने 60,000 से 70,000 का बिजली का बिल आता था, जो की आज काम हो के 5,000 से 10,000 हो गया है और वे सोलर लगा के हर महीने 40,000 से 50,000 रुपये बचा रहे है। एक साल में ही उन्होंने लगभग सोलर से बिजली बना के 4,00,000 रूपये तक बचा लिए। सोलर से होने वाले इस फायदे को देखते हुए उन्होंने अगले साल ही 10kWp का ओर सोलर पावर प्लांट अपने घर पर लगाने का निश्चय किया। ओर इस प्रोजेक्ट के लिए भी GOYAL SOLAR को ही कांटेक्ट किया।
अब उनके घर ओर हॉस्पिटल पर मिला के 35kWp का सोलर पावर प्लांट लग चुका है जिसके जरिये वो 60 हजार से 70 हजार की सेविंग हर महीने कर रहे है। साथ ही उनके घर का बिल आज के समय में लगभग जीरो ही आता है।
उनका कहना है की जितना उन्होंने सोलर पावर प्लांट में इन्वेस्ट किया है वो उन्हें 4 से 5 साल में बिजली के बिल की सेविंग के रूप में उल्टा मिल जायेगा ओर उसके बाद उन्हें कम से कम 20 साल तक फ्री में बिजली मिलेगी।
नहीं है कोई रखरखाव पर खर्चा
First Lights ने जब डॉ राजेंद्र चौधरी से सोलर पावर प्लांट के होने वाले रखरखाव के बारे में जानना चाहा तो उन्होंने बताया की ” उनका प्लांट ग्रिड से कनेक्टेड सोलर पावर प्लांट है तो इसमें कही भी बैटरी का इस्तेमाल नहीं हुआ है। इसके कारन इसमें कोई रखरखाव की जरुरत नहीं पड़ती। बस महीने में 2 बार सोलर पैनल को धोने की जरुरत पड़ती है। अगर सोलर पैनल साफ़ रहेंगे तो उत्पादन ज्यादा होगा।
आगे उन्होंने बताया की उनके प्लांट में लगे सोलर पैनल की वॉरेंटी 25 साल की है तथा सोलर इन्वर्टर की 10 साल की वॉरेंटी है । अब वे बिजली का बिल भरने से मुक्त हो गए है।
इसलिए, अब वे लोगों को सलाह देते हुए कहते हैं, की “ यह सबसे अच्छा समय है, जब आप अपने घर में सौर सिस्टम लगा सकते है । सरकार हर तरह से इस पहल का समर्थन कर रही है। इसलिए, एक बार की लागत पर ज्यादा न सोचें और अपने घर को पर्यावरण के अनुकूल बनाने की कोशिश में जुट जाएं तथा पर्यावरण को बचाने में अपना छोटा सा योगदान दे ।”
अगर आप भी ऑन ग्रिड सौर सिस्टम के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो GOYAL SOLAR या PRAGATI SUNENERGY SOLUTION से संपर्क कर सकते है।
contact details
Chetan Goyal -8956567722
email- [email protected]
web- www.goyalsolar.com
RAMESH JAISWAL
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web – www.pragatisolar.in
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मूल लेख: Ramesh Jaiswal
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